मध्य प्रदेश के हर कोने में उन्नति का आलाप,
जनसेवा की धुन में झूमे तेरा पुण्य प्रताप।
डॉ. राघवेन्द्र मिश्र (लेखक/रचनाकार)
मालव की माटी बोले, गूंजे गाथा हर ग्राम,
जन-जन की सेवा में सरकार चली धाम।
नर्मदा की लहरों जैसी, योजनाओं की धार,
छू रही है हर दिल को, कर रही उद्धार।
स्वास्थ्य की रक्षा में संबल बना आयाम,
आयुष्मान से जीवन पा गए नवप्राण।
राहवीर ने बढ़ाया, मानवता का मान,
दुर्घटना में मदद को मिले सरकार महान।
शिक्षा में दीप जले, उजियारा हर द्वार,
मेधावी योजना से, सपनों को मिला विस्तार।
फ्री लैपटॉप बनकर आया यंत्र ज्ञान का,
रुक जाना नहीं कहती बढ़ो अब विज्ञान का।
कृषि में खिले विश्वास, धरती बनी सुवास,
किसान कल्याण की बूँदों से भीगा हर श्वास।
जय किसान की माफी ने ऋणों को हर लिया,
पशुशेड ने आश्रय दे, पलायन से बचा लिया।
नारी सम्मान की गाथा, मधुर गूँज सुनाए,
लाडली लक्ष्मी के वचनों में सपने मुस्काए।
महिला श्रमिक सम्मान ने सिर उठाया,
हर स्त्री ने समाज में स्वर अपना पाया।
युवाओं के पथ पर उगती आशा की भोर,
सीखो कमाओ ने खोले कौशल के ठोर।
जनसेवा मित्र बनकर चले नवयुवक वीर,
समाज सेवा में बढ़े, गर्व करें गभीर।
अवसर, सुंदरता और पर्यटन की बात,
अमृत स्टेशन चमके नयी यात्रा की सौगात।
खेल परिसर की नींव से जागे खेल संस्कार,
राष्ट्रीय खेलों की राह पर है मध्य प्रदेश सरकार।
वन्य जीवन की रक्षा में मानवता का मोल,
हाथी मित्र दल बनें बनवासी संगी डोल।
ड्रोन, फेंसिंग, मधुपालन समाधान बने,
प्रकृति और मानव के बीच फिर संवाद जने।
मध्य प्रदेश के हर कोने में उन्नति का आलाप,
जनसेवा की धुन में झूमे तेरा पुण्य प्रताप।
सरकार तेरी योजनाओं से रच रही नव इतिहास,
विकास बन गया यहाँ अब जनजीवन का श्वास।
@Dr. Raghavendra Mishra
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