रेखा की मंगलमय रेखाएं
(दिल्ली की नव मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता पर एक समर्पित काव्य)
डॉ. राघवेन्द्र मिश्र, JNU (लेखक/रचनाकार)
भारतवर्ष की मिट्टी की संतान,
सनातन कुल की तेज़ पहचान।
दिल्ली आईं सपनों के संग,
बन बैठीं संघर्षों की रंग।।
दौलत राम से ज्ञान कमाया,
एल.एल.बी. की लौ जलाया।
पढ़-लिख के जोश समाया,
नेत्री बनने का मार्ग सजाया।।
ABVP की बनी मशाल,
DUSU नेत्री बनी कमाल।
आंदोलनों में स्वर उठाया,
नारी शक्ति को सामने लाया।।
नगर निगम में सेवा दी,
हर वार्ड में रेखा दीदी।
लायब्रेरी, जिम, हाल बनाए,
जन सेवा में दिन समाए।।
मुख्यमंत्री बन आन बनी,
रेखा अब दिल्ली की शान घनी।
शपथ ली जैसे सवेरे की धूप,
हर गली-कूचे में प्रसन्न रूप।।
शिक्षा में नवचेतना लाई,
स्कूलों की दशा सुधारे हाई।
अध्यापकों को अधिकार दिलाए,
बच्चों को बेहतर भविष्य दिखाए।।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति लाईं,
मुफ्त इलाज की योजना आई।
मोहल्ला क्लीनिक को बढ़ाया,
जनता का विश्वास जगाया।
नारी शक्ति की पुरोधा,
हर नारी में शक्ति का बोधा।
₹२५०० प्रतिमाह का वचन,
सशक्तिकरण बनी उनका करण।।
प्रदूषण पर कड़ा प्रहार,
जल-थल-गगन को दिया प्यार।
सौर ऊर्जा, हरियाली खोजना,
दिल्ली को दी नयी योजना।।
राजनीति में नारी स्वाभिमान,
नेतृत्व में उनका अद्भुत गान।
नम्रता, तेज और नीति का संग,
"रेखा गाथा" बनी जन अंग।
विज़न है उनका दीर्घ विचार,
दिल्ली को बनाना विश्व आकार।
स्मार्ट, स्वच्छ, सशक्त नगर,
रेखा जी की नीति अमर।।
@Dr. Raghavendra Mishra
संपर्क सूत्र
8920597559
mishraraghavendra1990@gmail.com
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