Tuesday, 13 May 2025

 गीत: "भऊजी के बहीनिया"

डॉ. राघवेन्द्र मिश्र (गीतकार)

भऊजी के बहीनिया गदराइल बिया,
हमरे गांव में शहर से आइल बिया।
नैन कटा रहलू, दिलवा चुरा रहलू,
बिजुरी जइसन नजरिया गिरा रहलू।।

जींस टॉप में लागेलू परी,
गोदी में रउवा बइठी त झरी।
लाली लिपिस्टिक, गजब के सयानी बा,
देख के तोहके धड़कता मोर जवानी बा।।

भऊजी के बहीनिया गदराइल बिया,
हमरे गांव में शहर से आइल बिया।
नैन कटा रहलू, दिलवा चुरा रहलू,
बिजुरी जइसन नजरिया गिरा रहलू।।

घूंघट में लुकइबू कहाँ ए गोरीया,
गांव में हर दिल पे गिरल बा बिजुरिया।
चूड़ी के छनछन, कमरिया के चुभन
तोहरे प्यार खातिर तरसे मोरा मन।।

भऊजी के बहीनिया गदराइल बिया,
हमरे गांव में शहर से आइल बिया।
नैन कटा रहलू, दिलवा चुरा रहलू,
बिजुरी जइसन नजरिया गिरा रहलू।।

@Dr. Raghavendra Mishra 


No comments:

Post a Comment