Monday, 12 May 2025

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) से नवभारत का सूर्योदय

डॉ. राघवेन्द्र मिश्र (लेखक/रचनाकार)

आओ मिलकर दीप जलाएँ, शिक्षा का सत्पथ दिखाएँ,
भारतीयता की माटी से, नवभारत का स्वर रचाएँ।

वेदों की वाणी, उपनिषद् की बात,
गुरुकुल का वह सनातन साथ।
जिसमें जीवन, दर्शन, विज्ञान,
संगम हो संस्कारों का ज्ञान।।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति यही पुकारे,
राष्ट्र निर्माण के दीप सवारे।
पाँच, तीन, तीन, चार की धारा,
शिक्षा बने सबका सहारा।।

मातृभाषा में मन पुलकित हो,
ज्ञान सहज मन में अंकित हो।
संस्कृत, तमिल, कन्नड़ की बानी,
गूँजे फिर भारत की कहानी।।

नवाचार, शोध, विज्ञान की ज्योति,
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की मोती।
क्रेडिट बैंक से खुलें द्वार नए,
ज्ञान अर्जन के पथ विस्तृत भये।।

बहुविषयक शिक्षा का अभिनव रंग,
कला, विज्ञान, साहित्य का संग।
चरक सुश्रुत के सत ग्रंथों से,
फिर से शुभ जीवन हो मंत्रों से।।

शिक्षक बने दीपस्वरूप,
चार वर्ष की साधना से अनुपम रूप।
नेशनल स्टैंडर्ड्स, नेटफोरम का विस्तार,
तकनीक से जुड़ेगा विद्यालय का द्वार।।

बच्चों में कौशल, नैतिक बल,
कक्षा छह से ही प्रारम्भ हलचल।
हाथों से सीखें, मन से रचें,
भारत के कर्तव्यपथ पर बसें।।

वसुधैव कुटुम्बकम् का निज स्वर,
नीति में गूँज रहा है अजर अमर।
भारतीय ज्ञान की अमर कहानी,
नेप 2020 की अमिट निशानी।।

चलो, हम सब मिलकर ठानें,
शिक्षा से भारत को विश्व पुनः पहिचानें।
आत्मनिर्भर, सशक्त, समरस समाज,
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शुभारंभ काज।।

@Dr. Raghavendra Mishra 

No comments:

Post a Comment