विकसित दिल्ली का स्वप्न-साकार
(आदरणीया मुख्यमंत्री श्रीमति रेखा गुप्ता के नेतृत्व में नई दिल्ली की विकासगाथा)
डॉ. राघवेन्द्र मिश्र, JNU(लेखक/रचनाकार)
हर चेहरे पर मुस्कान लाने का, अब अभियान चला है,
दिल्ली के इतिहास में पहली बार, सौ हज़ार करोड़ का बजट खिला है।
हर वर्ग के स्वप्न सजे हैं, आशाओं का नभ ऊँचा है,
रेखा गुप्ता के हाथों में, दिल्ली का भाग्य अब सच्चा है।।
स्वास्थ्य बना दिल्ली की जनता के जीवन का श्रृंगार,
आयुष्मान कार्ड से जन-जन को है उपचार मिला अपार।
तीन लाख से ऊपर स्वास्थ्य कार्ड,
दस लाख तक फ्री इलाज का अधिकार!
वृद्धों के लिए वय वंदना बनी वरदान,
सत्तर पार हर जन अब पाए चिकित्सीय सम्मान।।
आरोग्य सनातन मंदिरों की दिल्ली में नई शुभ सौगात,
एक हज़ार से अधिक केंद्रों से स्वस्थ होगी दिल्ली की बात।
डायलिसिस मशीनें लगेंगी नई,
जीवन बहेगा जैसे गंगाधारा पवित्रतम भई।।
नई दिल्ली में नारी का गौरव, शक्ति का शुभ विकास,
महिलाओं के खाते में हर माह ढाई हज़ार का विशेष प्रयास।
'सखी निवास' बनेगा नये सपनों का निवास,
जहाँ बेटियाँ होंगी सशक्त, आत्मनिर्भर और खास।।
शिक्षा बना है अब नवयुग का दीप,
CM श्री स्कूल में नव निर्माण की छवि संदीप।
डिजिटल लाइब्रेरी, भाषा प्रयोगशालाएं,
ज्ञान की गंगा, भावी भारत सजाएं।।
सड़कें हों या बसों की चाल,
उत्तम बसें चल रहीं हर दिशा, हर हाल।
चार सौ साठ बसें आज, दो हज़ार अस्सी कल,
प्रदूषण घटेगा, बढ़ेगा दिल्ली का उज्ज्वल बल।।
अपने दिल्ली में धुएँ को धूल में मिलाना है,
हज़ार स्मॉग गन लेकर हवा को साफ़ बनाना है।
कूड़े के पहाड़ पर विजय गाथा हर दिन,
तीस हज़ार टन कचरा हो रहा विलीन।।
स्वच्छ दिल्ली, सुंदर सपने, पूरा भारत हैं अपने,
सरकारी इमारतें, सड़कें, बाजार सब लगे हैं चमकने।
GPS टैंकर, जल आपूर्ति सटीक होवे,
मोबाइल से ट्रैक हो, सुविधा अटूट होवे।।
नई दिल्ली में यमुना जी अब लेगी अपना मूल स्वरूप,
सोलह लाख टन सिल्ट की विदाई से मिलेगी नववधू-सी रूप।
फेरी, क्रूज़ का नया चलन, दिल्ली वासी हो मगन,
जल-पर्यटन से दिल्ली बनेगा नवीन उत्तम गगन।।
जन की बात करें जन सेवक, करें अब सीधा संवाद,
हर जिले में जनता की बात हो रही निष्पक्ष और आज़ाद।
सुरक्षा का उजियारा फैले, प्रजातंत्र में सब गले मिले,
डार्क स्पॉट्स में चार हज़ार स्ट्रीट लाइटें झिलमिल खिले।।
सौर ऊर्जा से दमकती अब छतें,
दो लाख से अधिक घरों में अब सूरज बसे।
डीट एक्शन प्लान से प्रदूषण की हार,
नव चेतना से भर रही दिल्ली हर बार।।
श्रमिकों का मिला अधिकार, सब जन को मिले प्यार,
बढ़ा न्यूनतम वेतन, भोजन मात्र पाँच रुपये का उपहार।
स्कूल फीस, बिल बना, परिवार का संबल,
अब शिक्षा से नहीं होगा, कोई भी दुर्बल।।
NEET, JEE, CUET की खुलीं राहें,
लाखों बच्चे पाए फ्री कोचिंग की बाहें।
रेखा गुप्ता जी का उद्घोष है बहुत ही साफ़
हर दिन जनता के लिए, न कोई दिखावा, न कोई ख़ास।
विकसित दिल्ली, विकसित भारत की यही है कल्पना,
सबके सहयोग से बनेगा भारत की राजधानी अनुपमा।।
@Dr. Raghavendra Mishra
8920597559
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