Saturday, 19 April 2025

डॉ राघवेन्द्र मिश्र 

भजन गीत: मोदी युग की गाथा

मोदी नाम बड़ भाग से पाया,
जन-जन का हित जिसने भाया।
दस बरस की कर्म गाथा,
भारत माँ पर न्योछावर छाया 

जन-धन खाता सबने पाया,
गरीब जन को बैंक पहुँचाया।
उज्ज्वला से रसोई जली,
माँ-बहनों ने राहत पाई॥

शौचालय से लाज बचाई,
स्वच्छता की ज्योति जगाई।
हर घर को अब मिलती छाया,
आवास योजना का फल लाया॥

किसानों को सम्मान निधि,
हर खेत पहुँची नयी विधि।
नीम-कोटेड खाद सुहाई,
ई-नाम से मंडी सजाई॥

बेटी बचाओ, पढ़ाओ प्यारी,
सुकन्या में बचत सन्चारी।
मातृत्व वंदना बनी सहारा,
नारी को भी मिला उजियारा॥

मुद्रा से रोजगार मिला,
स्टार्टअप से जोश खिला।
स्किल इंडिया से जागा विश्वास,
युवाओं में संजीवनी श्वास॥

डिजिटल भारत तेज़ विचार,
UPI से सरल व्यापार।
GST से एक राह बनाई,
पूरे भारत की गति बढ़ाई॥

कोरोना में सेवा भारी,
टीकाकरण में ना थी देरी।
अन्न योजना भूख मिटाई,
गरीबों की थाली सजाई॥

रेल, सड़क और नयी उड़ान,
बुलेट ट्रेन बनी पहचान।
वंदे भारत की गति अपार,
नव निर्माण का हुआ विस्तार॥

"वोकल फॉर लोकल" की पुकार,
आत्मनिर्भर भारत की धार।
मेक इन इंडिया का राग सुनाया,
विश्व मंच पर नाम कमाया॥

जन-जन की सेवा में जो लगा,
वो सच्चा योगी, तप में रमा।
जय हो उसकी नीति-नैतिकता,
मोदी जी कभी झुका न टिका॥

सेवा, संकल्प, शक्ति और ज्ञान,
मोदी युग है भारत की शान।
जन-मन-गण में गूँजे स्वर,
भारत बने विश्व में अग्रसर॥

@Dr. Raghavendra Mishra 

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