Saturday, 19 April 2025


"जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं"
"जो कृष्ण का नहीं, वह किसान का नहीं"

 राम-कृष्ण ही आधार है

जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं,
बिन राम के जीवन, बस इक नाम का नहीं।
राम नाम ही सुखधाम है, प्रभु का ही बखान,
राम बिना यह संसार, जैसे बिन प्राण।

जो कृष्ण का नहीं, वह किसान का नहीं,
धरती से प्रेम नहीं, तो अरमान का नहीं।
गोवर्धन जो उठाया, वही ग्वाला प्यारा,
कृष्ण बिना कृषक का जीवन हो न सारा।

राम हैं मर्यादा, नीति और धर्म के नायक,
कृष्ण हैं स्नेह, प्रेम, कर्म के संचायक।
इनके चरणों में ही है, सच्चा कल्याण,
इनकी भक्ति से मिटे, भवसागर की त्राण।

राम को न माने जो, वह रीते हाथ जाए,
कृष्ण को न जाने जो, वह खेत न उपजाए।
भक्ति, शक्ति, नीति, नीति, सबका यही सार,
राम-कृष्ण के नाम से, जीवन हो उद्धार।

राम नाम की लोरी में, माँ बच्चों को सुलाती,
कृष्ण कन्हैया बांसुरी, गोकुल में रास रचाती।
राम-कृष्ण का नाम लो, हो जाए सवेरा,
भक्ति भाव में डूबकर, गाओ हर पहरा।

जय श्रीराम कहो, बने काम तमाम,
जय श्रीकृष्ण बोलो, खिल उठे हर ग्राम।
यह भारत की आत्मा, यह धरती के प्राण,
राम-कृष्ण के चरणों में, सारा जहान।

@Dr. Raghavendra Mishra 


@Dr. Raghavendra Mishra 

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