डॉ. राघवेन्द्र मिश्र
भजन/गीत: "ABVP का दीप जलाओ"
(राग: जोशीला भजन राग, ताल: दादरा या कहरवा)
ABVP का दीप जलाओ,
ज्ञान-शील का पथ दिखाओ।
संघर्ष, सेवा, नेतृत्व प्यारा,
हर छात्र को है अब सहारा।।
संघर्ष की राह जो बताए,
ABVP सबको भाए।
सेवा भाव जिसकी पहचान,
राष्ट्र प्रेम उसका अभिमान।
नेतृत्व हो निष्कलंक,
संकल्प बने अब अटल मयंक ।।
छल-कपट की हार हो अब,
सच्चाई का हो जय सब!
झूठी बातें हटी पुरानी,
नई सोच दे नव-कहानी।
वामपंथ की ना अब चाल,
ABVP है JNU की ढाल।।
शिखा स्वराज की जय-जयकार,
बने अध्यक्ष अबकी बार!
निट्टू गौतम दमदार साथी,
उपाध्यक्ष बने अब बांकी।
कुणाल राय सच का स्वर,
लाल झंडे को दे जवाब गरजकर!
वैभव मीणा के संग चलो,
संघर्ष की बुनियाद रचलो।।
हर छात्र की है ये आवाज़,
ABVP है उसका नाज!
शिक्षा, सम्मान, विकास की बात,
राष्ट्रवाद से बने हर बात।
नया विचार, नई आशा,
भविष्य रचे इसकी परिभाषा।।
अबकी बार – ABVP सरकार!
छात्र बोले – देंगे मात बारम्बार!
स्वराज, न्याय, और विचार,
ABVP से ही हो व्यवहार।
नया JNU, नया उजाला,
ABVP का दीप, सबसे निराला।।
@Dr. Raghavendra Mishra
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