एक ओजस्वी राष्ट्रभक्ति भजन/गीत, जो हिन्दू गौरव, भारत माँ, हिंदुत्व के तेज और शहीदों की आहुति को समर्पित है:
"जय हिंदुत्व जय भारत माँ"
(राष्ट्रभक्ति और धर्मशक्ति का भजन)
भारत माता की जय बोले, हर हिंदू का ये प्रन हो,
धर्म, ध्वजा, तिरंगा ऊँचा – यही जीवन का धन हो।
हिम पर्वत, पावन गंगा बोले, सिंधु भी गाए गान,
जय हिंदुत्व, जय भारत माँ , यही हो प्राणों का शान।
त्रिशूल उठे, शंख बजे, दुर्गा शक्ति जागे,
आतंकी जैसे दुष्टों पर, फिर प्रलय मागे।
पाञ्चजन्य की ध्वनि से गूंजे, आकाश, धरा, चमन,
राष्ट्रभक्ति की ज्वाला बन जाए, भारत का जन-मन।
शिव की भस्म, राम की मर्यादा,
कृष्ण का चक्र, वीर अर्जुन का वादा।
हिंदू न झुका है, न झुकेगा,
जहाँ धर्म है, वहीं विजय रुकेगा।
जिनके लिए चिता भी वंदना,
जो मातृभूमि को दें तन-मन-धन।
उन वीरों के चरणों को आज,
हम सब करें नमन।
“वन्दे मातरम्” की गूंज उठे फिर,
हर मंदिर से, हर घर द्वार।
शौर्य, सेवा, शांति के रक्षक,
हिंदू वीर करें ललकार।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
हिन्दू एकता की हो मशाल।
ना बाँटे हमें कोई पंथ,
हम सब राष्ट्र के एक भाल।
@Dr. Raghavendra Mishra
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