Friday, 4 April 2025

 कटत–कटत सब कट गये = 13

जीवन के अब कष्ट= 11


कात्यायनी वरहि दीहु =13

धीरज न होयि नष्ट= 11


(कटत–कटत सब कट गये,

जीवन के अब कष्ट l

कात्यायनी वरहि दीहु,

धीरज न होयि नष्ट ll)

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