Wednesday, 16 April 2025

 डॉ. राघवेन्द्र मिश्र, BSVN नोएडा l


*"ऋषियों की वाणी, धर्म की कहानी"*


ऋषियों की वाणी, धर्म की कहानी,

भारत भूमि की अमर जुबानी।

योगी, ज्ञानी, तपस्वी महान,

इनसे सजी है भारत की शान।


वाल्मीकि वाणी में राम कथा,

व्यास ने रचा महाभारत पथ।

गौतम बुद्ध की करुणा की बूँद,

महावीर का सत्य, अहिंसा का मूल।


वशिष्ठ, मार्कण्डेय, कपिल विचार,

भारद्वाज, सुश्रुत, चरक का उपचार।

जैमिनी, कणद, पाणिनि का ज्ञान,

नागार्जुन, पतंजलि, विज्ञान महान।


भास्कराचार्य, आर्यभट्ट ज्यों दीप,

चाणक्य नीति का अमृत-सी पीप।

रामानुज, माधव, निम्बार्क धीर,

वल्लभ, गोरख, शंकर गंभीर।


चैतन्य की भक्ति रसधार,

ज्ञानेश्वर, नामदेव, भाव अपार।

कबीर की उलटवाँसी में ज्ञान,

मीरा, तुलसी, सूर रसपान।



वेदव्यास ऋषि संकलन के रचयिता,

वशिष्ठ, विश्वामित्र ब्रह्म के द्रष्टा।

अत्रि, कण्व, श्वेतकेतु की वाणी,

उद्दालक अरुणि की ज्ञान कहानी।


याज्ञवल्क्य बोले आत्मा का सार,

वाल्मीकि ने दिखाया राम का विचार।

मार्कण्डेय, नारद, व्यास पुराण,

हर कथा में छुपा है ज्ञान महान।


आलवार, नायनार, प्रेम के स्वर,

चैतन्य ने किया नाम का जयघोष उधर।

वल्लभ, सूर, और नाम रसिक,

राम-नाम में डूबे ह्रदय अभिक।


ऋषभ प्रथम तीर्थंकर महान,

नेमिनाथ, पार्श्व, महावीर प्रमाण।

सुधर्मन, जंबू, उदयन ज्ञानी,

मोक्ष पथ के दीप पुरानी।


गुरु नानक से शुरू हुआ प्रकाश,

दस गुरु बने धर्म की आश।

अमरदास, रामदास, अर्जुन देव,

गोबिंद सिंह ने दिया तेज स्वरूप।


हे ऋषिगण! तुम्हें शत् शत् प्रणाम,

तुमसे सजी है भारत की शान।

ज्ञान, भक्ति और ध्यान की धारा,

हे संस्कृति के प्राण, तुम्हीं हमारा सहारा।

@Dr. Raghavendra Mishra 

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