डॉ. राघवेन्द्र मिश्र
"अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद" पर आधारित एक प्रेरणात्मक भजन/गीत, जो संगठन के उद्देश्यों, भावनाओं और सेवाभाव को सुंदरता से प्रकट करता है, जय परशुराम भगवान जी की 🙏
भजन / गीत शीर्षक:
"ब्रह्म तेज की ज्योति जले, एकता का शान बने"
जय ब्राह्मण एकता जयकार, अखिल विश्व का आधार।
धर्म-गौरव के रक्षक हम, ज्ञान-योग के विस्तार॥
भृगु, वशिष्ठ, याज्ञवल्क्य की, हम संतान पुनीता।
वेदों के हम रक्षक बनें, हो सेवा की गीता॥
सम्मान रहे, अधिकार बचे, यही संकल्प हमारा,
जाति नहीं पर न्याय मिले, हो सबका कल्याण सारा॥
एकता परिषद का ध्येय, संगठन की शक्ति,
युवकों में हो तेज जगे, नारी में भक्ति।
पंचमहायज्ञों से जुड़ें, हो संस्कृति का उत्थान,
संस्कारों की राह चले, जागे राष्ट्र महान॥
सप्त-संकल्प की ज्योति लिए, हम दीप जलाएँ,
सेवा, सुरक्षा, सम्मान से, समाज सजाएँ।
हर गाँव, नगर, दिशा-दिशा में, गूँजे स्वर ज्ञान का,
ब्राह्मण एक हो, कर्मयोग हो, दीपक बने राम का॥
ब्रह्म तेज की ज्योति जले, एकता का गान बने,
अखिल भारत में ब्राह्मण का, फिर से सम्मान बने।
परिषद का संदेश यही – “धर्म न मिटे, सत्य ना हारे”,
जय अखिल ब्राह्मण एकता, संस्कृति को हम सवारे!”
@Dr. Raghavendra Mishra
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