डॉ. राघवेन्द्र मिश्र
भजन गीत: "सेवा में समर्पित, राष्ट्र का उद्धार"
मोदी नाम बड़ भाग्य से पाया,
जन-जन का हित जिसको भाया।
दस बरस में कर्म की गाथा,
भारत माँ पर न्योछावर पाया॥
जन-धन खाता सबने पाया,
गरीब जन को बैंक पहुँचाया।
उज्ज्वला से रसोई जली,
माँ-बहने राहत से पली॥
शौचालय से लाज बचाई,
स्वच्छ भारत की ज्योति जगाई।
हर घर को अब मिलती छाया,
आवास योजना सजी सजाया॥
किसानों को सम्मान निधि,
हर खेत तक पहुँची नयी विधि।
नीम कोटेड खाद बनी प्यारी,
ई-नाम से मंडी सुधारी॥
बेटी बचाओ, पढ़ाओ सबको,
सुकन्या में बचत भरो नभको।
मातृ-वंदना से ममता पाई,
नारी को अब शक्ति दिखाई॥
मुद्रा से रोजगार मिला,
स्टार्टअप से विचार खिला।
स्किल इंडिया से हौंसला जागा,
युवाओं को फिर अपना लागा॥
डिजिटल भारत, तेज़ विचार,
UPI से हो रहा व्यापार।
GST ने एक राह दिखाया,
सारा भारत साथ निभाया॥
कोरोना में सेवा भारी,
टीकाकरण में कोई न हारी।
अन्न योजना से भूख मिटाई,
गरीबों की हर थाली सजाई॥
रेल, सड़क, उड़ान नयी,
बुलेट ट्रेन की बहार रही।
वंदे भारत की रफ्तार तेज़,
अब बढ़ा है भारत का मेज॥
आत्मनिर्भर बनो पुकार,
"वोकल फॉर लोकल" का उपकार।
मेक इन इंडिया का ये राग,
विश्व में छा गया भारत आज॥
जन-जन की सेवा में जो लगा,
वो सच्चा योगी, कर्मयोग जगा।
जय हो उसकी नीत नैतिकता,
मोदी जी के आगे कोई न टिकता॥
@Dr. Raghavendra Mishra
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