*परशुराम भगवान के सम्पूर्ण विश्व में चिन्ह*
भगवान परशुराम जी से संबंधित प्रसंग पूरे विश्व में मिलते हैं। उनके विभिन्न नामों में एक नाम भृगुराम भी है। यह शब्द अपभ्रंश होकर बगराम बना। अफगानिस्तान में भी बगराम नामक स्थान है, यहां विमानतल भी बना है। एक बगराम नगर ईराक में भी है। लैटिन अमेरिका की खुदाई में श्रीयंत्र जैसी आकृति निकली है। भगवान परशुराम जी के कहने पर मय दानव पाताल गया था। संभवतः मय दानव से ही लैटिन अमेरिका की “मायन सभ्यता” विकसित हुई होगी। रोम की खुदाई में पत्थर पर उकेरी गई एक ऐसी आकृति निकली, जिसके कंधे पर धनुष बाण है और परशु जैसा शस्त्र भी। यद्यपि इस आकृति के सिर पर टोप तो रोमन है, परंतु परशु और धनुष बाण धारण करने वाले एक मात्र परशुराम जी हैं। संभव है कि रूस नाम ऋषिका का अपभ्रंश हो। लेकिन इस पर व्यापक शोध की आवश्यकता है। मैक्समूलर की एक पुस्तक है “हम भारत से क्या सीखें” इस पुस्तक के अनुसार संसार का ज्ञान भारत से ईरान पहुँचा और ईरान से पूरे विश्व में। इस कथन से भी यह धारणा प्रबल होती है कि विश्व में जो परशुराम जी से मिलते जुलते शब्द या चिन्ह मिलते हैं, वे सब परशुराम जी से ही संबंधित हो सकते हैं।
इस प्रकार भगवान परशुराम जी का अवतार विश्व व्यापक है, सबसे प्रचण्ड है और संसार में अधर्म का नाश करके सत्य की स्थापना करने वाला है।
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