सनातन संस्कृति में ब्राह्मण में क्षमा का भाव
बेटा! हमलोग ब्राह्मण हैं। क्षमाके प्रभावसे ही हम संसारमें पूजनीय हुए हैं। और तो क्या, सबके दादा ब्रह्माजी भी क्षमाके बलसे ही ब्रह्मपदको प्राप्त हुए हैं॥ ३९॥
वयं हि ब्राह्मणास्तात क्षमयार्हणतां गताः । यया लोकगुरुर्देवः पारमेष्ठ्यमगात् पदम् ॥ 9.15.39, भागवत पुराण ll
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